क्या भाजपा और संघ की साम्प्रदायिकता का जवाब आप फेसबुक व्हाट्सऐप पर दे सकते हैं ? – Himanshu Kumar

क्या भाजपा और संघ की साम्प्रदायिकता का जवाब आप फेसबुक व्हाट्सऐप पर दे सकते हैं ?

जब आप सोकर भी नहीं उठे होते तब तक तो वे संघ की हजारों शाखाओं में नौजवानों के दिमागों को ज़हरीला बना चुके होते हैं,

सरस्वती शिशु मन्दिर, वनवासी कल्याण आश्रम,एकल विद्यालय की हजारों शाखाओं में लाखों बच्चों के दिमागों में रोज़ इसाईयों, मुसलमानों, कम्युनिस्ट और कांग्रेस के खिलाफ ज़हर बांटा जाता है,

ऐसी मेहनत ये सांम्प्रदायिक ताकतें आज़ादी के समय से लगातार कर रही हैं,

उसी का नतीजा है कि ओबीसी, दलित और आदिवासी युवा बड़ी संख्या में भाजपा समर्थक हैं और संघ की भाषा बोलते हैं,

संघ और भाजपा की इस मेहनत का परिणाम है कि वे आज सत्ता पर हैं,

लेकिन धर्मनिरपेक्ष, सामाजिक न्याय और आर्थिक बराबरी का काम करने वाली पार्टियां और लोग क्या कर रहे हैं ?

Himanshu

मैं अभी 40 दिन साइकिल यात्रा करके लौटा हूँ,

पूरे रास्ते किसान, महिलायें, मज़दूर संघर्ष कर रहे हैं,

लेकिन कोई राजनैतिक पार्टी वहाँ उनके संघर्ष में साथ देने के लिये मौजूद नहीं हैं,

पहले गैस का दाम बढ़ने पर भाजपा पूरे देश में सड़कों पर लाखों लोगों को लाकर विरोध प्रदर्शन करती थी,

लेकिन अब किसी मुद्दे पर विरोध करने की शक्ति किसी भी गैर भाजपा दल की नहीं बची ?

नोटबन्दी जैसे सबको परेशान करने वाले मुद्दे पर भी किसी विपक्षी दल की इतनी क्षमता नहीं थी कि विरोध प्रदर्शन कर सकते ?

साम्प्रदायिक ताकतें सड़क पर हैं,

इनका सामना सड़क और गांव में ही हो सकता है,

स्कूलों कालेजों, और जनता के बीच जाकर बात करने और सही गलत का फर्क समझाये बिना हम जनता को अपने साथ कैसे जोड़ेंगे ?

हमारे विचार कितने भी अच्छे हों,

अगर हम जनता के बीच नहीं जाते तो उन विचारों का कोई असर नहीं पड़ेगा,

मैं साइकिल यात्रा के दौरान हज़ारों लोगों से बात कर पाया,

राजनैतिक संगठन क्यों नहीं अभियान चला कर जनता को अपने विचार समझाते,

मेरी पूरी साइकिल यात्रा में अनेकों संगठनों और नौजवानों ने शामिल होने का वादा किया था,

लेकिन पूरी यात्रा मैनें अकेले ही करी,

कोई साथ नहीं आया,

अगर आपके पास समाज के लिये समय नहीं है तो आप एक बात अच्छे से समझ लीजिये,

साम्प्रदायिक संगठनों के पास खूब समय है,

आने वाला समय और भी मुश्किल होगा,

फैसला कर लो क्या करना है ?

One thought on “क्या भाजपा और संघ की साम्प्रदायिकता का जवाब आप फेसबुक व्हाट्सऐप पर दे सकते हैं ? – Himanshu Kumar

  1. और आप इस तरह की बेहूदी पोस्टों से प्रेम फैला रहे हैं ?… मुझे पता है आप संघ नही जानते वर्ना इस तरह की बात न करते। फिलहाल बेहद आपत्तिजनक और पूर्वाग्रही पोस्ट।

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