अखंड भारत चाहिए कि नहीं चाहिए?- Dilip Mandal

अखंड भारत में तीनों देशों को मिलाकर मुसलमान लगभग 50 करोड़, SC-ST लगभग 25 करोड़, सिख और ईसाई मिलाकर लगभग 6 करोड़ और बाकी 60 करोड़ लोग होंगे. सवर्ण हिंदू, OBC, बौद्ध, जैन, पारसी इसी 60 करोड़ में शामिल हैं. कुछ कम – ज्यादा होगा. यह सब जनगणना के अनुसार है. गलत है, तो बताएं कि सही क्या है.

तो बोलिए प्रेम से… अखंड भारत चाहिए कि नहीं चाहिए?

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One thought on “अखंड भारत चाहिए कि नहीं चाहिए?- Dilip Mandal

  1. नहीं चाहिए| ये सब बातें मंडल जी ध्यान बताने वाली और भावनात्मक दोहन की हैं| खंडित भारत तो संभल नहीं रहा और कुछ गुलीबल अखंड भारत की बात कर रहे हैं| यह देशप्रेम नहीं ढोंग है|

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