मेरी माँ का इतिहास

Sunita Kumari

1.
मेरी माँ बताती है
मेरे पूर्वज डांगर खाते थे.
और बड़ी जातियों के विवाह में बचा बासी भोजन
माँ ने बताया
हमारे रिश्तेदारों के घर
या तो दक्षिण में थे या उत्तर में
आज भी उनके घर कमोबेश उसी दिशा में होते हैं
मेरा भी घर गावं के दक्खिन ही है.
2.
पता पूछने पर
न चाहते हुए भी लोग जान जाते हैं हमारी जाति
हमसे पहले पहुच जाती है हमारी जाति
उनके गावों में
3.
चुटकी चुटकी धान रोपते रोपते
उनको याद है ‘बड़े’ लोगों के
खेतों के नाप
उन्हें याद है कि
खेतों की नाप के हिसाब से
उनकी मजदूरी बेहद कम थी.
4.
हमने माँ से पूछा था
उसके प्रेम के बारे में
जवाब में उसने कहा
सामने के प्राथमिक विद्यालय
का मास्टर दिखाता था
सौ का नोट.
5.
मेरी माँ कभी
लोकगीत नहीं गाती थी
न ही फ़िल्मी गीत
वह एक गुण में निपुण थी
देती थी गाली धड़ल्ले से.

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6.
माँ की शादी हुई जब वह छोटी थीं
बताती हैं शादी कामतलब भी नहीं पता था
उन्हें याद भी नहीं कब हुई शादी
क्योंकि वह सो गयीं
माँ बताती हैं
जब जेठानियाँ आई गवन कर
उनके पैरों में न तो चप्पल थी
न ही शरीर पर ब्लाउज .

परिकथा में छपी मेरी कविता
अंक जनवरी-फरवरी ,2016

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