
बाहर आंधी में तुम्हें बैठे देखा
पहने हुए मेरे प्यार का स्वेटर
जिसमें बुनी थीं सालों की धूप और प्यास
बाहर खिड़की से तुम्हें बैठे देखा
वो मैंने बुना था
उसे मैंने चुना था
जो तुम पहने बैठे रहे
वो प्यार मेरा था
हमारा था
मुझे फिर से वो चाहिए
मुझे चाहिए वो स्वेटर
जिसमे मेरी धुप और प्यास जड़ी हैं
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