आधी रात की डील: अन्वेषा बनर्जी
रात के एक बज रहे हैं। मैं बुरके में ढकी सुनसान गली में खड़ी हूं। थोड़ा डर भी है क्योंकि यह वही दिल्ली है जहां निर्भया कांड हुआ था। मगर जिस लाइट पोस्ट के नीचे मैं खड़ी इंतजार कर रही हूं, वह टारगेट तक मुझे पहुंचाने के लिए बिल्कुल मुफीद जगह है। हुआ भी यही। कुछ ही देर में तेल से सने बाल, उड़े रंग … Continue reading आधी रात की डील: अन्वेषा बनर्जी