सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है – Ram Prasad Bismil
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है । करता नहीं क्यों दुसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं है । रहबर राहे मौहब्बत रह न जाना राह में लज्जत-ऐ-सेहरा नवर्दी दूरिये-मंजिल में है । यों खड़ा मौकतल में कातिल कह रहा है बार-बार क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल … Continue reading सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है – Ram Prasad Bismil