राजेन्द्र यादव का अन्तिम सम्पादकीय
राजेन्द्र यादव का अन्तिम सम्पादकीय : कुछ विचारोत्तेजक अंश “देश की नीतियां बनाने वाले मोंटेकसिंह अहलूवालिया, मनमोहन सिंह और पी. चिदम्बरम जैसे अर्थशास्त्री या तो आंकड़े भौंकते हैं या फिर आश्वासन देते हैं कि पांच साल बाद प्याज की कीमतें दो-तीन रुपया कम हो जाएँगी, दालें एक रुपया सस्ती हो जाएँगी और रुपया नियंत्रण में आ जायेगा, ये सारे शेखचिल्ल्यों वाले दिलासे देते हुए अपने … Continue reading राजेन्द्र यादव का अन्तिम सम्पादकीय