दोपहर से किसी भाजपाई से रिश्ता तय कर रहे होते हैं, शाम ये सत्तासीन सुअरों के यहाँ चर रहे होते हैंः पाणिनि आनंद
स्क्रिप्ट यों शुरू होती है…. गुजरात के मेहसाणा का बड़नगर. यहां एक लबालब भरा तालाब. इस तालाब के बीच एक मंदिर. मंदिर पानी में जलमग्न. उसका शिखर पानी से बाहर. शिखर पर पुराना झंडा. इस झंडे को बदलना था क्योंकि पुराना हो गया था. पर बदलने का साहस किसी में नहीं था क्योंकि इस लबालब भरे तालाब में मगरमच्छ थे. गांव का एक भी आदमी … Continue reading दोपहर से किसी भाजपाई से रिश्ता तय कर रहे होते हैं, शाम ये सत्तासीन सुअरों के यहाँ चर रहे होते हैंः पाणिनि आनंद