Mayank Saxena

चम्पादक और पुलिस संवाद…. (Mayank Saxena)

(इसका किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं है…हो तो वो खुद ज़िम्मेदार है…)    चम्पादक- जी, आप कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं एक चम्पादक को…वो भी दफ्तर से…   पुलिस अधिकारी- आपके खिलाफ़ वारंट है…   चम्पादक- वारंट से क्या होता है…हम चम्पादक हैं…कानून वानून नहीं मानते…   पुलिस अधिकारी- डंडा तो मानते हो कि नहीं…   चम्पादक- देखिए ये महंगा … Continue reading चम्पादक और पुलिस संवाद…. (Mayank Saxena)

Mayank Saxena

भूलने का दर्शन…

भूलने का दर्शन… *********** भूल जाओ जो कुछ हुआ आगे बढ़े उस से हां लेकिन तुम नहीं बढ़ोगे आगे अपनी मज़हबी-धार्मिक पवित्र किताबों के जिनको हमारे साथ हुए … अन्याय से भी कहीं पहले लिख दिया था अनजान लोगों ने तुम याद रखोगे 600 साल पहले हुआ एक हमला 1400 साल से चल रहा धर्मयुद्ध न जाने कब तोड़ा गया (या फिर नहीं) एक मंदिर … Continue reading भूलने का दर्शन…

Mayank Saxena

चम्पादक कथा – चम्पादक के भाग से बम फूटा

हालांकि ये लिखना पड़ा, ये ही अपने आप में शर्मिंदा कर देने वाली घटना है…लेकिन इसके बावजूद ऐसा होता है…और व्यंग्य का उद्देश्य ही चुनौतियों और विडम्बना विरोध की समानांतर ताकत बनाए रखना है…इसलिए मैं ये रचना लिखने पर मजबूर हों…मेरी संवेदनशीलता को ठेस पहुंची है, ये व्यंग्य उसका प्रमाण है…हैदराबाद में जो हमारे साथ नहीं रहे, उनको श्रद्धांजलि के साथ…) कसाईनमेंट से अचानक से … Continue reading चम्पादक कथा – चम्पादक के भाग से बम फूटा