Tag: Mayank Saxena
ओलम्पिक में खेल रही भारतीय महिला खिलाड़ी आपकी उम्मीदें तोड़ती हैं?-Mayank Saxena
Deepa karmakar Laxmi Rani Majhi Dutee Chand Srabani Nanda Lalita Babar और बाकी सब के लिए भी…जाओ और खेलो…सिर्फ खेलो…अपने आप से उम्मीद रखो कि तुम लड़कियों के लिए बनाई गई समाज की हर बाधा तोड़ोगी…मर्ज़ी से जियोगी…बस सिर्फ इतनी ही उम्मीद! Continue reading ओलम्पिक में खेल रही भारतीय महिला खिलाड़ी आपकी उम्मीदें तोड़ती हैं?-Mayank Saxena
तमाम वैचारिक मतभेदों से अलग शुक्रिया नाना पाटेकर
By-Mayank Saxena लोकल स्टेशन पर रात के 11.30 बजे हैं…पैंट शर्ट में एक ठीक ठाक आदमी, पत्नी और दो बच्चों के साथ खड़ा है…आने जाने वालों से एक्सक्यूज़ मी कह रहा है…कमीज बाहर है पसीने से भीगी, छोटा बच्चा रो रहा है, साथ में एक लड़की है कोई 10 साल की…पत्नी के चेहरे पर भयंकर निराशा साफ़ दिख रही है, लेकिन कोई उस पर … Continue reading तमाम वैचारिक मतभेदों से अलग शुक्रिया नाना पाटेकर
MUMBAI COLLECTIVE | Rossi, Mayank Sing ‘Ae Dil Hai Mushkil Jeena Yaha’ and ‘Hum Honge Kamyaab’
Published on Mar 7, 2016 Courtesy: Satyen K Bordoloi Continue reading MUMBAI COLLECTIVE | Rossi, Mayank Sing ‘Ae Dil Hai Mushkil Jeena Yaha’ and ‘Hum Honge Kamyaab’
Justice for Rohith Vemula – ‘Yalgaar’ Performs A Song in Massive Mumbai Rally
Published on Feb 1, 2016 Yalgaar is one of the many musical groups who work with the masses of Maharashtra on issues concerning them. They perform specially in poor Dalit hamlets. Here the members of the group sing while they walk in a rally for Rohith Vemula. Nearly five thousand people gathered and marched from Byculla to CST on February 1, 2016 to protest against … Continue reading Justice for Rohith Vemula – ‘Yalgaar’ Performs A Song in Massive Mumbai Rally
“ये लौंडे कैदियों का कई रात ‘काम चला’ सकते हैं”,कहा अनिल दिक्षित ने
दक्षिणपंथी राजनीति हो या वामपंथी राजनीति बलात्कार का समर्थन क्या कोई सभ्य समाज का मनुष्य कर सकता है? पूर्व पत्रकार, वर्तमान हिंसक मनोरोगी! भाषा, किसी भी संस्कृति का अहम चिह्न है और इस लिहाज से वैसे भी संघ और उसके हिंदुत्व के समर्थकों की भाषा, लगातार उनकी संस्कृति की पहचान रही है। पिछले 30 सालों में आरएसएस या विहिप से जुड़े कट्टरपंथी-विक्षिप्त लोग, लगातार मीडिया … Continue reading “ये लौंडे कैदियों का कई रात ‘काम चला’ सकते हैं”,कहा अनिल दिक्षित ने
आप किन आतंकियों को ढूंढ रहे हैं? ये आतंकी खुले घूम रहे हैं..
Written by मयंक सक्सेना | Published on: February 23, 2016 जिन दिल्ली के तीन आतंकियों के बारे में आज तक-इंडिया टुडे द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन और मेरा लेख बात करेगा, वे दिल्ली की अलग-अलग अदालतों में काम करते हैं। इनके कपड़े वकीलों की तरह हैं। लेकिन ये वकील संविधान सम्मत न्याय के लिए नहीं लड़ते हों. ये तीनों ठीक उन भाड़े के गुंडो के … Continue reading आप किन आतंकियों को ढूंढ रहे हैं? ये आतंकी खुले घूम रहे हैं..
अख़लाक़ के फ्रिज में रखी थी रोहित की अस्थियां – Mayank Saxena
अख़लाक़ के फ्रिज में रखी थी रोहित की अस्थियां और उसकी फैलोशिप एक गाय के पेट में गाय का पेट था नागपुर की तिजोरी में और नागपुर है लिपटा गेरुए कपड़े में ख़ाकी धागे से बंधा आग लगती है तो सबसे पहले पानी डाला जाता है गेरुए कपड़े पर और भीग जाती है अंदर रखी गाय रोहित की अस्थियां और अख़लाक का फ्रिज दोनों को … Continue reading अख़लाक़ के फ्रिज में रखी थी रोहित की अस्थियां – Mayank Saxena
When the poets came on the street!
Morche Pe Kavi was an initiative started in Delhi three months back to take socially conscious and revolutionary poetry to the masses. This video is a part of the first Morche Pe Kavi in Mumbai. It was organised on the 26th of January, 2015 Bandra Joggers Park, near CCD. Produced by: Vivek Sundara Camera: Satyen K. Bordoloi Continue reading When the poets came on the street!
सब गाइए…कौन गाएगा? – Mayank Saxena
पंच हुए बेईमान, दिया वरदान बने हैं ठग देखो परधान राजा है अनजान प्रजा परेशान शरम से झुक्का हिंदुस्तान तर्क की होती हार है बंटाधार हुआ अंधों का बेड़ापार रात हुई घनघोर मचा है शोर करे है मन की बात से बोर भक्तों की पहचान है गालीदान बड़े जन करते चारणगान जंगल में है सोग है फैला रोग करे है डाकू संत को ढोंग पढ़ी … Continue reading सब गाइए…कौन गाएगा? – Mayank Saxena