मैं 60 साल की उम्र में भी किसी के इश्‍क में पड़ सकती हूं – Manisha Pandey

मेरी वॉल पर आज सुबह किसी ने कमेंट किया कि “मनीषा रोज़ एक बॉयफ्रेंड को एक्सपोज़ कर रही हो! कितने और?” क्‍या हिम्‍मत है? इस बहादुरी पर तो क्राउन मिलना चाहिए। सवाल ये नहीं है कि उसने “मुझसे” ये सवाल पूछा, बल्कि सवाल ये है कि मर्द किसी भी स्‍त्री से इतने हक और अहंकार के साथ ऐसे सवाल कैसे पूछ लेते हैं? मैं अकसर … Continue reading मैं 60 साल की उम्र में भी किसी के इश्‍क में पड़ सकती हूं – Manisha Pandey

सच सिर्फ वो नहीं होता, जो सामने दिखता है – Manisha Pandey

मीडिया के लोग काफी बढ़-चढ़कर तरुण तेजपाल के चरित्र के खिलाफ और उस लड़की की बहादुरी के पक्ष में चीख-चिल्‍ला रहे हैं। लेकिन ये तो वो बात है, तो पर्दे पर दिख रही है या अखबार के पन्‍नों पर छप रही है। इसके अलावा उन मीडिया वालों की निजी महफिलों में, चाय की दुकानों, पान की गुमटियों और पर्सनल दारू पार्टियों में भी तो कभी … Continue reading सच सिर्फ वो नहीं होता, जो सामने दिखता है – Manisha Pandey

तरूण तेजपाल मिलान कुंदेरा को पढ़ते थे – Manisha Pandey

इंडिया टुडे में तरूण तेजपाल पर कवर स्‍टोरी छपी है। कल ऑफिस में वो स्‍टोरी पढ़ रही थी। अचानक एक लाइन पर मेरी आंखें रुक गईं। स्‍टोरी बताती है उस जवान, टैलेंटेड, निहायत काबिल तरूण तेजपाल के बारे में जो एडिटिंग के कामों के बीच ऑफिस में बैठकर मिलान कुंदेरा को पढ़ता रहता था। मिलान कुंदेरा ? मिलान कुंदेरा मतलब कि द जोक? अनबिअरेबल लाइटनेस … Continue reading तरूण तेजपाल मिलान कुंदेरा को पढ़ते थे – Manisha Pandey

घर में कौन-कौन है – Manisha Pandey

बाहर की दुनिया में अकेले मूव करने और सर्वाइव करने का कोई एक फिक्‍स फॉर्मूला नहीं है। लेकिन जो चीज अब तक मेरे फेवर में काम करती रही है, वो है ऑटो वाले, बस वाले, रिक्‍शे वाले, गार्ड, प्‍यून, ड्राइवर सब लोगों के साथ एक दोस्‍ताना व्‍यवहार और बातचीत। मैं अकसर ऑफिस के काम से 300-400 किलोमीटर दूर आसपास के शहरों में टैक्‍सी से जाती … Continue reading घर में कौन-कौन है – Manisha Pandey

पहली बार लड़की होने का एहसास – Manisha Pandey

एक दिन मेरी एक दोस्‍त ने पूछा, अच्‍छा ये बताओ, तुम्‍हें जिंदगी में पहली बार अपने लड़की होने और इस कारण लड़कों से कुछ अलग होने का एहसास कब हुआ। मैं सोचने लगी। जब पहली बार पीरियड्स हुए थे, तब? नहीं। लड़की होने की शुरूआत तो उसके बहुत पहले ही हो चुकी थी। बहुत बहुत पहले। तब मैं चौथी में पढ़ती थी। गर्मियों की छुट्टियां … Continue reading पहली बार लड़की होने का एहसास – Manisha Pandey

एक बेचैन पत्‍नी का आत्‍म विलाप – Manisha Pandey

जब से सुहासिनी आई है, आभा बेचैन रसोई से कमरे और कमरे से रसोई में फिरकी सी डोल रही है। रसोई में होती है तो भी कान लगाए रहती है कि आशु इसे गुपचुप क्‍या पढ़ा रहा है। कहीं मेरे बारे में तो बात नहीं कर रहे हैं। सब्‍जी काटते, दाल छौंकते, चावल बीनते उसके कान इधर ही जमे रहते हैं। पता नहीं, दोनों आपस … Continue reading एक बेचैन पत्‍नी का आत्‍म विलाप – Manisha Pandey

प्‍यार की भाषा कहां खो गई है – Manisha Pandey

अभी कुछ दिन पहले हिंदी के कवि चंद्रकांत देवताले जी के किसी परिचित से मेरी मुलाकात हुई। उसने बताया कि देवताले जी से उसने मेरे बारे में काफी कुछ सुन रखा है और बातचीत के दौरान ही उसने एकदम से पूछ लिया, ‘जब वो वेबदुनिया में आपसे मिलने आए थे तो आपने उन्‍हें सबके सामने हग किया था न?’ ‘तुम्‍हें कैसे मालूम? वेबदुनिया वालों ने … Continue reading प्‍यार की भाषा कहां खो गई है – Manisha Pandey

एक पोलिश कवि और एक हिंदुस्‍तानी लड़की – Manisha Pandey

जयपुर से लौटकर तीसरा हिस्‍सा शायद वो 17 या 18 तारीख की एक बकवास सी दोपहर थी, जब जयपुर जाने का वक्‍त नजदीक आ रहा था और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की वेबसाइट पर दिए सभी सत्रों की डीटेल पढ़ते हुए मैंने पाया कि उनमें एक नाम एडम जगायवस्‍की का भी है। ओह, ये क्‍या हो रहा है? एक के बाद एक खुशी और उत्‍तेजना से … Continue reading एक पोलिश कवि और एक हिंदुस्‍तानी लड़की – Manisha Pandey

Feminist Diary 5 – Manisha Pandey

  ना-ना। तुम क्‍या सोचते हो, मैं तुमसे बहुत नाराज हूं या तुम्‍हारे लिए दिल में अरबों टन नफरत पाले बैठी हूं। अरे, बिलकुल नहीं। बल्कि अगर मैं कहूं तो शायद तुम्‍हें यकीन न हो कि यदि मैं दुनिया में किसी की सबसे ज्‍यादा शु‍क्रगुजार हूं तो तुम्‍हारी ही। तुम्‍हीं तो हो, जिसने उस कच्‍ची उमर में इतना लतियाया कि ताउम्र के लिए मुझे तुम्‍हारी … Continue reading Feminist Diary 5 – Manisha Pandey

Feminist Diary – Manisha Pandey

आज एक कैनेडियन स्‍टूडेंट से मुलाकात हुई, जो इंडियन मीडिया पर रिसर्च कर रही है। जेनिफर दीवानों की तरह अपना काम करती है, दुनिया घूमती है, उसे संगीत की कमाल की समझ है, एक साल एक ब्‍वॉयफ्रेंड के साथ रही। बात जमी नहीं, बैग उठाया और आगे की जिंदगी खोजने निकल पड़ी। वो कहीं भी जाकर बस जाना चाहती है और संसार देखना चाहती है। … Continue reading Feminist Diary – Manisha Pandey