क्या बसपा का पतन होगा? – कँवल भारती

      ख़बरें यह आ रही हैं कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 9 या 10 सीटों पर सिमट रही है. साफ है कि उसे बहुत भारी नुकसान होने जा रहा है. मेरा गृह जनपद रामपुर है और मंडल मुरादाबाद है, जिसमें दलितों की जाटव और वाल्मीकि दोनों उपजातियों ने मोदी के पक्ष में भाजपा को वोट दिया है. मुझे इसकी बिलकुल … Continue reading क्या बसपा का पतन होगा? – कँवल भारती

ओमप्रकाश वाल्मीकि का होना – कँवल भारती (Kanwal Bharti)

कवि-कथाकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का नाम हिन्दी दलित साहित्य आन्दोलन में अग्रणीय प्रतिष्ठापकों में लिया जाता है. वे सिर्फ एक लेखक भर नहीं हैं, बल्कि दलित साहित्य का एक जीवंत इतिहास है. वे हमारे दलित आन्दोलन के शुरूआती दौर के सक्रिय और जुझारू साथी हैं. हम दोनों ने लगभग एक ही समय 1970 के आसपास दलित साहित्य लिखना शुरू किया था. कानपूर के आर. कमल के … Continue reading ओमप्रकाश वाल्मीकि का होना – कँवल भारती (Kanwal Bharti)

कौन है मूलनिवासी? – (कँवल भारती)

दलितों में एक नया संगठन बना है, जो मूलनिवासी की अवधारणा को लेकर चल रहा है. इस संगठन के लोग अभिवादन में भी ‘जय भीम’ की जगह ‘जय मूलनिवासी’ बोलने लगे हैं. ये लोग कहते हैं कि वे मूलनिवासी हैं और बाकी सारे लोग विदेशी हैं. क्या सचमुच ऐसा है? अगर इनसे यह पूछा जाये कि किस आधार पर आप अपने को मूलनिवासी कहते हैं, … Continue reading कौन है मूलनिवासी? – (कँवल भारती)