सब गाइए…कौन गाएगा? – Mayank Saxena
पंच हुए बेईमान, दिया वरदान बने हैं ठग देखो परधान राजा है अनजान प्रजा परेशान शरम से झुक्का हिंदुस्तान तर्क की होती हार है बंटाधार हुआ अंधों का बेड़ापार रात हुई घनघोर मचा है शोर करे है मन की बात से बोर भक्तों की पहचान है गालीदान बड़े जन करते चारणगान जंगल में है सोग है फैला रोग करे है डाकू संत को ढोंग पढ़ी … Continue reading सब गाइए…कौन गाएगा? – Mayank Saxena