जेल के नाम रवीश कुमार का एक प्रेम पत्र
प्रिय जेल, चौंक गई ! क्या जेल को प्रिय नहीं पुकारा जा सकता । जब हम प्रेम में गिरफ़्तार हो सकते हैं तो जेल से प्रेम क्यों नहीं कर सकते । लोगों ने जेल से किताबें लिखीं, जेल में रहते हुए पुत्री के नाम पत्र लिखे लेकिन किसी ने जेल को पत्र नहीं लिखा । दुनिया में जेल को प्रिय पुकारने वाला प्रथम पुरुष मैं … Continue reading जेल के नाम रवीश कुमार का एक प्रेम पत्र