Mayank Saxena

भूलने का दर्शन…

भूलने का दर्शन… *********** भूल जाओ जो कुछ हुआ आगे बढ़े उस से हां लेकिन तुम नहीं बढ़ोगे आगे अपनी मज़हबी-धार्मिक पवित्र किताबों के जिनको हमारे साथ हुए … अन्याय से भी कहीं पहले लिख दिया था अनजान लोगों ने तुम याद रखोगे 600 साल पहले हुआ एक हमला 1400 साल से चल रहा धर्मयुद्ध न जाने कब तोड़ा गया (या फिर नहीं) एक मंदिर … Continue reading भूलने का दर्शन…