बाढ़-टूरिज्म – Iqbal Abhimanyu

देखा है किसी शहर को डूबते हुए? चौखटों, आंगनों, दीवारों, किलकारियों, झल्लाहटों को ‘गड़प’ से मटमैले पानी में गुम हो जाते देखा है? सर पर बर्तन-भांडे, संसार का बोझ लिए लड़खड़ाती औरतों को देखा है? लाइन में लग बासी पुरियों और सड़े आलुओं की सब्जी लेते स्कूल ड्रेस में खड़े बच्चे के कीचड खाए पैरों को देखा है? देखा है गौमाता की सडती लाशों पर … Continue reading बाढ़-टूरिज्म – Iqbal Abhimanyu