यह राजनीति नहीं, राखनीति है जो सब राख कर देगी – Qamar Waheed Naqvi
दंगा आया और चला गया. एक बार फिर हमें नंगा कर गया. लेकिन इस बार जैसा दंगा आज से पहले कभी नहीं देखा. पहली बार इतने मुखौटे उतरे हुए देखे, पहली बार देखे सारे चेहरे कीचड़ सने हुए. पार्टी, झंडा, टोपी, निशान तो बस दिखाने के दाँत रहे, उनके खानेवाले दाँतों ने दंगे की भरपेट दावत उड़ायी. मुज़फ़्फ़रनगर ने सचमुच सारी राजनीतिक पार्टियों के कपड़े … Continue reading यह राजनीति नहीं, राखनीति है जो सब राख कर देगी – Qamar Waheed Naqvi