चम्पादक कथा – चम्पादक के भाग से बम फूटा
हालांकि ये लिखना पड़ा, ये ही अपने आप में शर्मिंदा कर देने वाली घटना है…लेकिन इसके बावजूद ऐसा होता है…और व्यंग्य का उद्देश्य ही चुनौतियों और विडम्बना विरोध की समानांतर ताकत बनाए रखना है…इसलिए मैं ये रचना लिखने पर मजबूर हों…मेरी संवेदनशीलता को ठेस पहुंची है, ये व्यंग्य उसका प्रमाण है…हैदराबाद में जो हमारे साथ नहीं रहे, उनको श्रद्धांजलि के साथ…) कसाईनमेंट से अचानक से … Continue reading चम्पादक कथा – चम्पादक के भाग से बम फूटा