बच्चा-बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का – Mayank Saxena

बच्चा-बच्चा राम का,
जन्मभूमि के काम का

ये नारा लगाने वालों के बच्चे कॉन्वेंट में पढ़ रहे हैं…न कि शिशु मंदिर में…जिनके बड़े हो गए, वे स्वयंसेवक या कारसेवक नहीं हैं…आईटी कम्पनियों में हैं…विदेश में हैं…हिंदी और संस्कृत नहीं, अंग्रेज़ी बोलते हैं…धोती नहीं, स्मार्ट केसुअल्स पहनते हैं…और माता-पिता के पैर तो सुबह उठ कर नहीं ही छूते हैं…

तय मानिए, वह न राम के हैं, न धर्म के काम के हैं…हां, ये लोग आज भी आपको पढ़ाते मिलेंगे कि हिंदू धर्म पर ख़तरा है, हम को संगठित होना होगा…जबकि अपने बच्चों को इन्होंने सुरक्षित इस सब से दूर रखा है…दरअसल इसी चालाकी को आपको समझना है…ये सब चालाक सवर्ण हिंदू हैं…जो दलितों और पिछड़ों को गोलीबारी में आगे कर के, पीछे से मज़ा लेने वाले हैं…

जब भी आप के सामने ये ऐसा कोई नारा लगाएं…धर्म पर ख़तरे के ख़िलाफ़ लड़ाई की बात करें…इनसे पलट कर पूछिएगा कि इनकी औलादें कहां हैं, और वो इस लड़ाई में शामिल क्यों नहीं हैं…बस आपको जवाब मिल जाएगा…

बाकी बच्चा-बच्चा राम का है, तो सड़क पर छोड़ा दीजिए…राम संभाल लेगा…काहे सेंत कर उसे छुपा-बचा कर रखते हैं…झंडु बाम !

 

बाबा जनसंघ के नेता थे, फिर भी न तो किसी बच्चे को शिशु मंदिर भेजा…न ही स्वयंसेवक बनाया…
बच्चे विहिप,संघ, बीजेपी में आंख मूंद कर खड़े रहे…लेकिन सारे बच्चे निजी अंग्रेज़ी स्कूलों में पढ़े…कोई न स्वयंसेवक, न प्रचारक, न कारसेवक और न ही भाजपा कार्यकर्ता-नेता…सब आईटी से लेकर सरकारी बड़ी नौकरियों में या अपना व्यवसाय कर रहे हैं…
ये है हिंदू स्वाभिमान के नारों का सच…ये है इनकी नौटंकी…ये अपने हित और अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए दलितों और पिछड़ों को आगे कर के गोली खिलवाएंगे…लाठी पड़वाएंगे…जेल भिजवाएंगे…
सवर्ण हिंदू की बातों में न आना रे!!!

 

 

Leave a comment