जे पी की संस्था बचाने के लिए आज गॉंधी बाबा से प्रार्थना और सत्याग्रह

gandhi
गॉंधी और जे पी के अनुयायी कल शानिवार 27 अगस्त को सुबह 11 बजे लखनऊ में हजरतगंज चौराहे पर महात्मा गॉंधी से प्रार्थना और सत्याग्रह करेंगे कि वह सभी संबंधित लोगों को सद्बुद्धि प्रदान करें और अपनी संस्था गॉंधी विद्या संस्थान राजघाट वाराणसी को निहित स्वार्थ से बचायें. 90 वर्षीय वयोवृद्ध गॉंधी प्रो रामजी सिंह नेतृत्व करेंगे.
लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित गॉंधी विद्या संस्थान दुर्दशा का शिकार है और उसके कर्मचारी भूखों विलख रहे हैं . जे पी की प्रतिमा पुस्तकालय के हाल से निकालकर खुले आसमान के नीचे धूप और बारिश में रख दी गयी है .
जे पी की पहल पर  सर्व सेवा संघ  ने गॉंधी विद्या संस्थान की स्थापना की थी .यह पचास वर्ष पुरानी और प्रतिष्ठित स्वायत्तशासी संस्था है . जमीन सर्व सेवा संघ ने दी और आर्थिक सहयोग गॉंधी स्मारक निधि ने
सन 2007 में तत्कालीन सरकार ने निहित स्वार्थ के दबाव में संस्था को सोसायटी विघटित कराकर अदालत के जरिये उच्च शिक्षा विभाग के अधीन कर लिया .
अपर जनपद न्यायाधीश वाराणसी ने 28 मई 2007 को सचिव उच्च शिक्षा विभाग को निर्देश दिया था कि वह , “संचालन मंडल गठित करके राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी के जीवन , दर्शन आदर्श एवं विचारों के अध्ययन एवं शोध कार्यों हेतु स्थापित उक्त संस्थान का संचालन कराया जाना सुनिशिचित करें .”
सरकार ने इस आदेश की आड़ में एक ऐसा बोर्ड बना दिया , जिसका गॉंधी विचार में निष्ठा नहीं थी. इन लोगों के संरक्षण में संस्थान में गॉंधी विरोधी गतिविधियॉं संचालित होने लगीं .अगस्त 2012 में इस बोर्ड नें त्याग पत्र दे दिया .
कमिश्नर वाराणसी ने जून 2013 में विस्तृत रिपोर्ट देकर सरकार के संरक्षण में संस्थान की बर्बादी का विवरण दिया और नया संचालन मंडल गठित करने की संस्तुति की . यह रिपोर्ट निहित स्वार्थ के दबाव में सचिवालय की फाइल में कैद है .
मुख्यमंत्री कार्यालय और मंत्रियों के पत्रों पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई . संस्थान इस समय कानूनी रूप से सरकार के नियंत्रण में बंद पड़ी है , शोध कार्य ठप है और  एक हिस्से पर अनधिकृत लोगों का कब्जा है , जो अवैध कमाई कर रहे हैं . ये  गॉंधी विरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं .
पिछले नौ सालों में संस्थान सरकार की कैद में बर्बाद हो रहा है .न सरकार के पास ऐसा संस्थान चलाने की समझ है और न नीयत. न ही बजट में वित्तीय व्यव्स्था की गयी . यह भी नहीं पता कि इसका कस्टोडियन कौन अफसर है .
 इन नौ सालों में जे पी की प्रतिमा को पुस्तकालय से निकालकर खुले आसमान के नीचे रख दिया गया .जे पी की हजारों बहुमूल्य पुस्तकें और अंतर्रष्ट्रीय जर्नल्स खराब हो रही हैं .जे पी का निजी सामान भी खराब हो रहा है . जे पी के आवास में अवांछनीय लोग रह रहे हैं . कुछ लोग निजी संस्था बनाकर जमीन आदि हड़पना चाहते हैं.
सम्पूर्ण क्रॉंति मंच ने राजघाट में जे पी प्रतिमा के सामने संस्था को  पुनः संचालित करने का संकल्प लिया है .
1- गॉंधियन इंस्टीच्यूट ऑफ स्टडीज यानि गॉंधी विद्या संस्थान का रजिस्ट्रेशन बहाल कराया जाये . इसी नाम से गॉंधी विरोधियों द्वारा गठित सोसायटी का गैरकानूनी पंजीकरण रद्द किया जाये .
2-  रजिस्ट्रार सोसायटीज कार्यालय के उन अधिकारियों की जिम्मेदारी निश्चित की जाये , जिन्होंने गलत ढंग से संस्था का पंजीकरण रद्द कराकर उसे दुर्दशा और मुकदमेंबाजी का शिकार बनाया. उनके खिलाफ कार्यवाही हो .
3 – सर्व सेवा संघ  के परामर्श से संस्था को पुनर्जीवित किया जाये .
4- जे पी की प्रतिमा खुले आसमान से हटाकर  यथास्थान वापस लगायी जाये और पुस्तकालय खुलवाया जाये .
5- अनधिकृत लोगों को परिसर से हटाया जाये .
6- सर्वोदय नेताओं , आंदोलनकारियों और कर्मचारियों पर कायम फर्जी मुकदमें समाप्त किये जायें .
7-भूखों मर रहे कर्मचारियों को वेतन , पी एफ और ग्रेचुटी का भुगतान किया जाये.

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