मैने कहा,
वो एक महिला है,
उसने कहा-
” रन्डी-वैश्या”.

मैने कहा,
वो रहे दलित,
उसने कहा-
” कुत्ते..”
मैने कहा,
वो रहे आदिवासी,
वो बोला-
” साले नक्सली.”
ये कश्मीरी,
मैने कहा,
उसने कहा-
” पथभ्रष्ट आतंकवादी.”
ये कुछ किसान,
मैने कहा,
वे बोले-
” भूत-प्रेतों से भयभीत,
बुजदिल
लव में नाकाम ” .
मैने कहा ,
ये चन्द छात्र है,
उसने कहा,
” राष्ट्र्-द्रोही हरामजादे….”
और इसके बाद,
वो जहाज में बैठा,
कहीं रवाना हो गया.
Parmanand Ashrut की वाल से