मंडल पार्ट-2 सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली दिखती है, शिक्षण संस्थानों में मंडल सिफारिशें नहीं लागू होना बनेगा आधार!

29 March, 2016 , नयी दिल्ली जेएनयू प्रकरण के बाद केंद्र सरकार और ख़ासकर स्मृति ईरानी की मुश्किलें बढ़ने वाली दिखती है, यूनाइटेड ओबीसी फोरम के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ( वी. ईश्वर्या) से मुलाकात की है!

 

29 मार्च 2016 को ओबीसी फोरम के प्रतिनिधियों ने पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षण नीति को सही तरीके से लागू न करने की शिकायत दर्ज कराया। उच्च शिक्षा मे ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान होने के बादजूद भी इसे लागू नहीं किया जा रहा है। विगत कई वर्षो से हजारों पद ओबीसी वर्ग के लिए रिक्त है किंतु विश्वविद्यालय प्रशासन की अनियमित्ता के कारण इसे भरा नहीं जा रहा है।

ओबीसी फोरम द्वारा आरटीआई के तहत कई सूचनाएं मांगी गई जिसमें आरक्षित वर्ग के साथ स्पष्ट भेदभाव दिखाई देता है। उच्च शिक्षण संस्थानों के आरक्षण विरोधी मानसिकता के कारण आजतक एसो. प्रोफेसर तथा प्रोफेसर पद पर ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया गया है।

मंडल आयोग  को उच्च शिक्षण संस्थानों ने गंभीरता से नही लिया है। प्रतिनिधि मंडल में राजेश मंडल, दिलीप यादव, कुनाल सुमन और मुलायम सिंह यादव शामिल रहे। प्रतिनिधियों नें निम्न मांगों को प्रमुखता से साथ आयोग से समक्ष रखा और इसपर गौर करने की अपील की।

1-जब आईआईटी में एसो. प्रोफेसर तथा प्रोफेसर स्तर पर ओबीसी को आरक्षण दिया जा रहा है तो यूजीसी द्वारा क्यों नहीं दिया जा रहा है?

2-एक ही मंत्रालय का यूजीसी और आईआईटी के लिए अलग दृअलग दिशा-निर्देश क्यों है?

3-यूजीसी ओबीसी आरक्षण से संबंधित DoPT OM of 1994 दिशा-निर्देशों का उल्लघन क्यों कर रही है?

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