हंसना मना है -1
पद्मभूषण शर्मा पर हंसना बिल्कुल मना है.
“सीछा और सहीत्य” के लिए मिला है, इस बात पर हंसना और भी मना है.
चाहें तो रो लीजिए.
यह भारतीय गणराज्य का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है.
आप लोग भी उनसे “सिछा” लीजिए. गूगल पर सर्च करने से ये “सिछा” मिल रही है.
एक्जाम में इस सवाल के जवाब में 0/10 नंबर पाने वाले बच्चे की कॉपी से.
सवाल – शिक्षा और साहित्य के क्षेेत्र में रजत “पद्मभूषण” शर्मा के योगदान पर टिप्पणी लिखें. (10 नंबर)
उत्तर- रजत शर्मा ने…धत्त! क्या लिखूं?
– क्या आप इस सवाल का जवाब लिखने में बच्चे की मदद कर सकते हैं? वह अपना टिफिन आपके साथ शेयर करने के लिए तैयार है.
बच्चा अभी तक कनफ्यूज है कि अगले साल यही सवाल आ गया, तो क्य़ा लिखेगा. क्लास के मास्टर यह सवाल पूछने पर पीटते हैं.
BREAKING NEWS यह है कि रजत शर्मा एक्जाम में कॉपी खाली छोड़कर गुस्से में घर लौट गए क्योंकि सवाल पूछा गया था कि साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में रजत शर्मा के योगदान पर 3 लाइन की टिप्पणी लिखें.
ऐसे मुश्किल सवाल के जवाब में 3 लाइनें लिखना कोई आसान काम है क्या?
हंसना मना है – 4
नरेंद्र मोदी जी ने बताया था कि एलियन आकर हमारी गायों का दूध पी जाते हैं और रजत शर्मा ने बताया था कि गणेश जी की प्लास्टिक सर्जरी हुई थी.
सही है? मोदी ने क्या बोला और क्या रजत ने, इसमें कनफ्यूजन हो रहा है.
मेरा मेमरी लॉस हो गया है, ऐसा लगता
हंसना मना है -5
“कच्छा” में पूछा गया “पतरकारिता” पर 4 नंबर का सवाल:
1. नीचे दिए गए बयान किनके हैं. रजत मोदी के या नरेंद्र शर्मा के?
क. एलियन गाय का दूध पी जाते हैं,
ख. गणेश जी की प्लास्टिक सर्जरी हुई थी.
ग. रात के अंधेरे में प्याज मांगती है चुड़ैल,
घ. कर्ण का जन्म भारत में जेनेटिक साइंस के विकसित होने का प्रमाण है.
हंसना मना है फिर भी बच्चे हंस पड़े -6
“कच्छा” में पढ़ाते हुए शिक्षा के क्षेत्र के पद्मभूषण रजत शर्मा ने कहा- “बच्चो, भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51(A) खोलो. इसमें पढ़ो कि 8वां क्लॉज क्या है.
इसे पढ़ते ही बच्चे खी-खी करके हंसने लगे.
उसमें लिखा है – “भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे;”
“It shall be the duty of every citizen of India to develop the scientific temper, humanism and the spirit of inquiry and reform;”
हंसना मना है- 7
कल के शुभ दिन मैं रजत मोदी के बारे में कुछ नहीं लिखूंगा. Full STOP.
जब मोची के तिपाए ने गणेश जी का दूध पीना बंद करा दिया!
बात ज्यादा पुरानी भी नहीं है. जम्बूद्वीप भारतवर्ष में एक दिन गणेश जी की मूर्तियों ने दूध पीना शुरू कर दिया. पूरा देश पागल. विदेश के लोग भी पिलाने लगे. उस समय प्राइवेट न्यूज चैनल नहीं थे. दूरदर्शन पर आज तक नाम का एक कार्यक्रम आता था, जिसके संपादक एस पी सिंह थे.
एस पी सिंह ने तय किया की अफवाह को फोड़ देना है. उन्होंने कार्यक्रम में एक मोची से बात की, जिसने बताया कि जूता रिपेयर करने का उसका तिपाया भी दूध पी रहा है. लोगों ने जसे ही तिपाए को दूध पीते देखा, यह अफवाह मर गई कि गणेश जी दूध पी रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी दिखाया कि किस तरह पिलाया गया सारा दूध मंदिरों के पीछे नालियों में बह रहा है. इस पूरे कार्यक्रम का ट्रांसक्रिप्ट R. Anuradha की संपादित किताब “पत्रकारिता का महानायक सुरेंद्र प्रताप सिंह संचयन” में है.
भारत में टीवी समाचार का यह संभवत: सबसे ज्यादा देखा गया और सर्वाधिक चर्चित शो था. उन्होंने सरकारी चैनल पर लोगों की आस्था को चोट पहुंचाई और क्या खूब चोट पहुंचाई. वे किसी भी और चीज को दूध पिला सकते थे. लेकिन उन्होंने मोची के तिपाए को ही इसके लिए चुना.
एसपी सिंह ने अफवाह और अंधविश्वास का खंडन करके TRP ली. इस कार्यक्रम में उन लोगों के लिए सबक है जो कह रहे हैं लोग तो अंधिविश्वास ही देखना चाहते हैं और TRP के लिए सब कुछ करना पड़ता है.











