अरे हैवानों-दरिंदों
तुमने साबित कर दिया
कि तुम्हारा कोई वास्ता इस्लाम से नहीं है,
तुमने खून से लथपथ कर दिया कुरान को
कौन शैतान है जो तुम्हें इस्लाम का गलत सबक सिखाता है
कौन है जो तुम्हें सिखाता है
कि मारोगे बेगुनाहों को तो
ख़ुदा तुम्हें बख्शेगा जन्नत?
कितना अँधेरा भर दिया है तुम्हारे जहनों में
आँखों पर पर्दा—कि जिसे समझते हो सबाबे-जिहाद
वह कितना गुनाहे अज़ीम है इस्लाम में.
तुमने मासूमों को मारकर
कौन सा सबाब कमाया तुम हैवानों ने
वे मासूम बच्चे, जिन्हें अभी दुनिया को देखना था,
अभी खिलना था जिन्हें,
दुनिया को महकाना था अपनी खुसबू से,
जिन्हें बनानी थी एक खूबसूरत दुनिया,
उन्हें तुमने बेरहमी से मार दिया,
और मार दिया उनके वाल्देन के अपनों को भी.
एक बार भी तुमने उनमें अपना बचपन नहीं देखा?
एक बार भी तुम्हारे हाथ नहीं कांपे
उनके नाजुक जिस्मों पर गोलियां चलाते हुए
तुम सचमुच हैवान हो
तुमने लजा दिया अपने माँओं का दूध
आज तुम्हारी माएँ तुम्हें जन्म देने पर पछता रही होंगीं.
रो रही होंगीं कि उन्होंने तुम शैतानों को जन्मा.
यह तुमने बच्चों पर हमला नहीं किया है,
हमला इस्लाम पर भी किया है
हमला इस्लाम के मुस्तकबिल पर भी किया है
शायद अब पाकिस्तान में कोई इन्कलाब आएगा
कि इन्सान जागेंगे और शैतान सोयेंगे.
(17-12-2014)
