मोदी की कैंपेनिंग में बदहवास मीडिया के लिए कोड ऑफ कंडक्ट कूड़ा है

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मीडिया और संचार पर शोध से जुड़ी संस्था मीडिया स्टडीज ग्रुप ने मीडिया के एक हिस्से खासकर प्रसारण मीडिया द्वारा चुनाव आचार संहिता के खुलेआम उल्लंघन की कड़ी भर्त्सना की है। ग्रुप के अनुसार उस समय जबकि असम और त्रिपुरा की 6 लोकसभा सीटों पर मतदान शुरू हो चुके थे कई समाचार चैनलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणापत्र जारी के समारोह का सीधा प्रसारण किया। ग्रुप ने निर्वाचन आयोग में इस बात की शिकायत दर्ज करा दी है।

मीडिया स्टडीज ग्रुप के चेयरमैन अनिल चमड़िया ने कहा कि इस तरह की हरकत ने भारत के निर्वाचन आयोग जैसी सांवैधानिक संस्थाओं का मखौल उड़ाते हुए मीडिया के एक हिस्से ने कानून और आदर्श आचार संहिता को खुली चुनौती दी है। यह निष्पक्ष चुनाव की मूल भावना के भी खिलाफ है। अनिल चमड़िया ने ये भी कहा कि वह मुख्य निर्वाचन आयुक्त से ऐसे मीडिया संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।

मीडिया स्टडीज ग्रुप ने भाजपा के घोषणापत्र का कुछ टीवी चैनलों पर लाइव प्रसारण को देखा जिसमें घोषणापत्र के मुख्य बातों और वादों को ब्रेकिंग न्यूज के दौरान भी दिखाया जाता रहा। भाजपा के नेता और घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के घोषणापत्र के बारे में दिए गए वक्तव्य का लाइव प्रसारण किया गया। मुरली मनोहर जोशी ने घोषणापत्र की मुख्य बातों के बारे में बताते हुए उत्तर-पूर्व के बारे में किए गए वादों को भी बताया, जहां आज सुबह से ही मतदान शुरू हो चुके हैं।

मीडिया स्टडीज ग्रुप ने हाल ही में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1952 की धारा 126 जो कि किसी क्षेत्र में चुनाव से 48 घंटे पूर्व इस तरह के किसी प्रसारण पर रोक लगाता है, का कड़ाई से पालन कराने की अपील की थी। ग्रुप ने निर्वाचन आयोग को ध्यान दिलाया कि अभी तक ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिसके द्वारा किसी खास क्षेत्र में जब चुनाव चल रहे हों तो उस दौरान वहां पूरे देश में एक साथ प्रसारण करने वाले सेटेलाइट या वेब चैनलों के प्रसारण को रोका जा सके।

मीडिया स्टडीज ग्रुप ने निर्वाचन आयोग को शिकायती पत्र भाजपा के घोषणापत्र के जारी होने से पहले भी भेज दिया था, लेकिन इसके बाद भी समाचार चैनलों पर भाजपा के घोषणापत्र का लाइव प्रसारण किया गया।

मीडिया और संचार पर शोध से जुड़ी संस्था मीडिया स्टडीज ग्रुप ने मीडिया के एक हिस्से खासकर प्रसारण मीडिया द्वारा चुनाव आचार संहिता के खुलेआम उल्लंघन की कड़ी भर्त्सना की है। ग्रुप के अनुसार उस समय जबकि असम और त्रिपुरा की 6 लोकसभा सीटों पर मतदान शुरू हो चुके थे कई समाचार चैनलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणापत्र जारी के समारोह का सीधा प्रसारण किया। ग्रुप ने निर्वाचन आयोग में इस बात की शिकायत दर्ज करा दी है।

मीडिया स्टडीज ग्रुप के चेयरमैन अनिल चमड़िया ने कहा कि इस तरह की हरकत ने भारत के निर्वाचन आयोग जैसी सांवैधानिक संस्थाओं का मखौल उड़ाते हुए मीडिया के एक हिस्से ने कानून और आदर्श आचार संहिता को खुली चुनौती दी है। यह निष्पक्ष चुनाव की मूल भावना के भी खिलाफ है। अनिल चमड़िया ने ये भी कहा कि वह मुख्य निर्वाचन आयुक्त से ऐसे मीडिया संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।

मीडिया स्टडीज ग्रुप ने भाजपा के घोषणापत्र का कुछ टीवी चैनलों पर लाइव प्रसारण को देखा जिसमें घोषणापत्र के मुख्य बातों और वादों को ब्रेकिंग न्यूज के दौरान भी दिखाया जाता रहा। भाजपा के नेता और घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के घोषणापत्र के बारे में दिए गए वक्तव्य का लाइव प्रसारण किया गया। मुरली मनोहर जोशी ने घोषणापत्र की मुख्य बातों के बारे में बताते हुए उत्तर-पूर्व के बारे में किए गए वादों को भी बताया, जहां आज सुबह से ही मतदान शुरू हो चुके हैं।

मीडिया स्टडीज ग्रुप ने हाल ही में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1952 की धारा 126 जो कि किसी क्षेत्र में चुनाव से 48 घंटे पूर्व इस तरह के किसी प्रसारण पर रोक लगाता है, का कड़ाई से पालन कराने की अपील की थी। ग्रुप ने निर्वाचन आयोग को ध्यान दिलाया कि अभी तक ऐसी कोई तकनीक नहीं है जिसके द्वारा किसी खास क्षेत्र में जब चुनाव चल रहे हों तो उस दौरान वहां पूरे देश में एक साथ प्रसारण करने वाले सेटेलाइट या वेब चैनलों के प्रसारण को रोका जा सके।

मीडिया स्टडीज ग्रुप ने निर्वाचन आयोग को शिकायती पत्र भाजपा के घोषणापत्र के जारी होने से पहले भी भेज दिया था, लेकिन इसके बाद भी समाचार चैनलों पर भाजपा के घोषणापत्र का लाइव प्रसारण किया गया।

 

 

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