इसे पढ़िये और समझिये कि क्यूँ आपको उत्तराखण्ड में होना चाहिए
उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा से निपटने में स्थानीय सरकार और विपक्ष पूरी तरह से विफल रही है. सरकार ने आपदा में बचे हुये पर्यटकों को बाहर निकालकर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ ली है. विपक्ष वहीं तक गया, जहाँ तक आरामदायक सड्के हैं या हेलीकाप्टर उतरने की व्यवस्था है. इन हालातों में जब सरकार और विपक्ष ने स्थानीय निवासियों को उनके हाल पर मरने के छोड़ दिया है, तमाम स्वयं-सेवी संगठनों ने स्थानीय निवासियों के बीच जाकर उन्हें राहत-सामग्री पहुंचाने जैसा सराहनीय काम किया है. ‘रिलायंस फाऊण्डेशन’ के लोगों ने भी घर-घर जाकर कुछ अच्छा कार्य किया है. ऐसे ही कुछ और संगठनों ने सराहनीय काम करके स्थानीय निवासियों को दवायें और लगभग 1 महीने का राशन उपलब्ध करा दिया है.
लेकिन जैसा कि हम सब समझ सकते हैं कि उत्तराखंड के लोग विभिन्न व्यवसायों द्वारा पर्यटन उद्योग पर ही निर्भर थे, जो इस समय ठप है. इसलिये उत्तराखंड के लोगों के लिये बेरोजगारी एक विकट समस्या बन गयी है. जमाखोर व्यवसायी इस ताक में हैं कि कब गरीबों का राशन खत्म हो और वे अपने जमा की हुईं वस्तुओं की कालाबाजारी कर सकें. यकीन मानिये देश के अन्य हिस्सों की तरह यहाँ भी वंचित वर्गों की हालत बहुत खराब है.
वंचित वर्गों की बस्तियाँ सड़कों से दूर उपेक्षित जगहों पर हैं. टीम बूँद के सदस्य न सिर्फ उन्हें राशन और दवायें उपलब्ध करा रहे हैं, बल्कि उनकी टूटी हुई झोपड़ियों की मरम्मत करने में भी उनकी मदद कर रहे हैं.
इसके अलावा टीम बूँद को अब तक 4-5 ऐसे बच्चे मिले हैं जो मानसिक रोगों से ग्रस्त हैं, लेकिन अगर उनका सही से इलाज हो तो वो बिल्कुल ठीक होकर सामान्य जिंदगी जी सकती / सकते हैं. इसलिये टीम बूँद ने इन बच्चों को उनके परिजनों की सहमती के बाद गोद लेकर दिल्ली में उनकी शिक्षा और चिकित्सा इत्यादि की व्यवस्था करने का निर्णय किया है.
आप कहेंगी / कहेंगे कि यह हालत तो पूरे देश में है. आपकी बात पूरी तरह सही है. लेकिन हम एक साथ हर जगह पर तो हो नहीं सकते ना…!!! अभी हम फिलहाल उत्तराखंड में हैं, और हम वहाँ ज्यादा से ज्यादा स्थितियों को बेहतर करना सुनिश्चित करने के लिये कृतसंकल्प हैं.
जाहिर है एक संसाधनविहीन संगठन के लिये आप लोगों के सहयोग के बिना यह करना असंभव है. आपने अभी तक टीम बूँद का जिस तरह सहयोग किया है ‘उम्मीद उत्तराखंड’ में वह अतुलनीय है. लेकिन अभी उत्तराखंड वासियों को आपके और सहयोग की आवश्यकता है. आइये हम उन्हें गरीबी, भुखमरी और शोषण के चंगुल से बचने में मदद करें. आर्थिक मदद (चाहे 100 की हो या 10000 की) से लेकर उत्तराखंड आकर आप मिशन उत्तराखंड में सहयोग कर सकते हैं. साथ में फेसबूक पर हमारी बातें करके भी आप उत्तराखंड वासियों की और हमारी मदद कर सकते हैं.
टीम बूँद में शामिल होने वाले अधिकांश लोग आप सबकी तरह ही नौकरीपेशा या स्टूडेंट हैं. आप भी 10 दिन का समय निकालकर यहाँ आकर हमारा सहयोग कर सकती / सकते हैं. यकीन मानिये अभी आपके इस सहयोग की बहुत आवश्यकता है. और आपका यह सहयोग उत्तराखंड वासियों की जिंदगी सामान्य करने में बहुत सहयोग करेगा.
टीम बूँद और उत्तराखंड के आपदा-पीड़ित आपके सहयोग के इन्तेजार में हैं, आशा है आप हमें निराश नहीं करेंगी / करेंगे.
आइये मिलकर हम सब इंसानियत का परचम लहरायें.
धन्यवाद…!!!





