लियाकत नाम होने की सज़ा – Mayank Saxena

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वो बहुत बड़ा आतंकी था
हालांकि पुलिस के पास
उसका नाम भी नहीं था
वो अकेले ही
दिल्ली आ रहा था
अकेले ही गिरफ्तार हुआ
अकेले ही
रिहा हुआ
वो अकेले ही
उड़ा देता पूरी दिल्ली को
लेकिन अफसोस
देश का कानून आतंकियों के साथ है
लियाकत बरी हो गया है
तुम लोग तो चाहते थे न
कि अगले 10 साल तक
वो जेल में रह कर ही हो पाए
बाइज़्ज़त बरी
उसे कम से कम
लियाकत नाम होने की सज़ा तो
मिलनी ही चाहिए थी…

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