
हां
मैं एक एजेंट की बेटी हूं
मेरा बाप
एक खुफिया एजेंट था
एक मेरे देश से
दूसरे देश में
भेजा गया था
जासूसी करने के लिए
वो पढ़ा लिखा नहीं था ज़्यादा
उसे सिर्फ इतना पता था
कि उसका एक देश है
और वो उसके गांव में
बिजली, नौकरी और रोटी
नहीं दे पाता है
वो देश उसे मौका दे रहा है
देश सेवा करने का
देश के लिए मरने का
उसे ये पता था कि
इसके एवज में
मिलते हैं कुछ पैसे
उससे वादा हुआ था
कि उसके घरवालों का रखा जाएगा
हमेशा ख्याल
हालांकि तब
अगर वो मर गया जब
पड़ोसी देश में भी
ऐसे बहुत सारे एजेंट थे
जो उसके मुल्क में
आते जाते थे
उन सबकी कहानी
ये ही थी
ख़ैर मेरा बाप पकड़ा गया
उसे गांव पहुंच कर
मुझे गोद में उठा कर
चूम लेने की जल्दी थी
उस देश के अपने देश से ही
एक शहर से
उसने मेरी मां के लिए
खरीदी थी हरी चूड़ियां
दादी के लिए हुक्का
और मेरे लिए
लकड़ी का एक घोड़ा
लेकिन
वो सब उसके झोले में बंद
जेलर के पास जमा है
दशकों के अंतर पर
मुझे मिली है एक चिट्ठी
कि मेरे बाप को
किस जेल में रखा गया है
जिस देश के लिए
मरने वो गया था
उस देश ने
दशकों के कैलेंडरों की
तारीखों को कटते जाने दिया
घड़ियों की सुईयां घूमती गई
और जिस देश के लिए
वो मरने गया था
उसने इनकार कर दिया
उसे पहचान भी लेने से
हां, उसका नाम ज़रूर
था हमारे जैसा
लेकिन मेरा बाप
अब किसी देश का नागरिक नहीं था
न जिस देश में वो क़ैदी था वहां का
न जिस देश में वो पैदा हुआ वहां का
कागज़ों पर तो
मेरा बाप कभी पैदा ही नहीं हुआ था
हां, मैं उसकी बेटी
ज़रूर पैदा हुई थी
लेकिन पैदा होने से ज़रूरी है
पैदा होने के दस्तावेज होना
ख़ैर कहानी लम्बी हो जाती है
सीधे अंत सुनिएगा
मेरे बाप की हत्या हो गई
वहीं एक दूसरे हम से ही मुल्क में
जेल में उसे न मारा जाता
तो जेल में ही वो मर जाता
या फिर हो जाती
फांसी
मैं थोड़ा सा रोई हूं
लेकिन सोच रही हूं
कि आखिर कौन सा देश किसका है
कौन किस देश का है
किस देश के लिए मरा जाए
किस देश के लिए मार दिया जाए
मेरे घर के बाहर कुछ लोग आए हैं
वो देश के नाम के नारे लगाते हैं
मुझे उल्टी सी आ रही है…
आज बह जाने दो अंदर से
इस देश को भी
मैं बिना देश के मरना चाहती हूं
जैसे मर गया मेरा बाप
बिना देश का…
Sir Kavita Bhut Acchi Hai Lakin Aap Se Ek Sikayat Hai Ki Mein Aapke Fb Status Par Cmmt Nahi Kar Pata Hu
Nothing left to say.. neither i wanna say dat m ashamed of being citizen of such country nor i wanna say dat those who did wud get punished at the end in HIS court.. cause I know its a death of a father, a brother and a son n i have no right to make it a news…
कविता बहुत अच्छी है. बधाई।