फिर भी तुम से ज़्यादा ज़िंदा है – Mayank Saxena

गिरी है लाश उनकी, फिर भी तुम से ज़्यादा ज़िंदा है
कि उनकी सिसकियों को भी ज़माना याद रखेगा
तुम्हें शक है कि तुम बोलोगे न, न कोई देखेगा
तुम्हारी चुप्पियों को भी ज़माना याद रखेगा

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जा रहा हूं
लौट कर आऊंगा
यूं तो नहीं होता है हमेशा जाना
लौट आने के लिए …
लेकिन
तय कर लो
कि लौटना है
लौटना है
कुछ लेकर
तो लौट ही आओगे
और हां
याद रखना
कभी भी कोई लौटकर
खाली हाथ नहीं आता
खाली हाथ भी दरअसल
भरे होते हैं
लौट आने की
सुवास से
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